Small Funny Poems in Hindi



Fun is not the property of any specific language or culture. You can see funny stuff in the form of jokes, poems, facts, stories and trivia in all languages without any distinction. Obviously, there are both good and bad things in funny literature of every language. However, some funny stuff has such nature and pattern that particularly suits any specific language. When we talk about Hindi language, we can found a lot of humorous stuff written by Hindi authors. The most special thing in Hindi funny stuff is small poems that are easy to read and understand as well as make our time, pleasurable. Gone were the days, when people had only limited sources to find funny Hindi poems. It was costly and time-taking job to locate the books on funny Hindi poems. Today, internet is a best source of finding funniest Hindi poems without spending money and without wastage of time. Here is a beautiful collection of funny Hindi poems. 

 

 

1. प्यारी थी वह सुबह हंसती-हंसाती, चिड़िया, मैना, कोयल थी गुनगुनाती। रोज सुबह नहलाकर मंदिर ले जाती दादी, कहानियों में ही सुनी थी राजा-रानी की शादी। हर त्योहार मनाना चाहे दशहरा या हो रमजान, हर फिल्म देखना चाहे हैरी पॉटर हो या हनुमान। लाल सूरज सफेद चांद तो है धरती की शान, टीचर-मम्मी-पापा तो हैं दुआओं की खदान।

 

2. कब होगी हर नारी आजाद आज, कल या कल के बाद। हर श्वास में उसकी है ये कैसी वेदना क्यों जग चाहे उसकी आशाएं भेदना। वे कहते हैं नारी जगत-जननी रह गई जो केवल एक मां या एक पत्नी।

 

3. मां सब जानती है, बच्चे के अंतर्मन को कैसे पहचानती है, हर अनकही बातों को कैसे समझ जाती है। क्या मां की ममता की तुलना की जा सकती है, नहीं, क्योंकि मां की ममता अतुलनीय है।

 

4. आ गया नया साल नया दिन, नया उजाला नई सुबह, नया सूरज नया नमस्कार और चमत्कार नई दोपहर सर्दी से भरी नई शाम और फिर नई रात और रात की सुगबुगाहट खो जाएंगे, हम और तुम फिर आएगी अगली सुबह फिर आएगा नया दिन, नया उजाला और हम हो जाएंगे व्यस्त और फिर मनाएंगे नया साल।

 

5. बेटियां शुभकामनाएं हैं, बेटियां पावन दुआएं हैं। बेटियां जीनत हदीसों की, बेटियां जातक कथाएं हैं। बेटियां गुरुग्रंथ की वाणी, बेटियां वैदिक ऋचाएं हैं। जिनमें खुद भगवान बसता है, बेटियां वे वन्दनाएं हैं। त्याग, तप, गुणधर्म, साहस की बेटियां गौरव कथाएं हैं।

 

6. चंदा चुपके छुपके बैठा छज्जे पे उसको ढूंढ रहे हैं तारे दरवज्जे पे चंदा चुपके छुपके बैठा हरे खेत में उसको ढूंढ रहे हैं तारे बालू रेत में चंदा चुपके छुपके बैठा गाड़ी में उसको ढूंढ रहे हैं तारे उधर पहाड़ी में चंदा चुपके छुपके बैठा घास में उसको ढूंढ रहे हैं तारे नदी बनास में।

 

7. आज सुबह अचानक माँ के हाथों की याद आई, कितने कठोर-कड़े और बेरौनक हैं उनके हाथ, हरदम काम करती, पल भर भी न आराम करती, गोबर हटाती, उपले पाथती, रोटियाँ सेंकती,

 

8. चिड़‍िया ने देखा एक सपना, चांद के देश में घर है अपना। सभी जगह खुशहाली है, हरी-भरी हर डाली है। न कोई कलह न कोई द्वेश, चिड़‍िया पहुंची चांद के देश। सहसा उसकी आंख खुली तो खुद को उसने तन्हा पाया। धरती की गोद थी सूनी या सभी जगह सन्नाटा था छाया। रहा न सपना कुछ भी शेष, खो गया सुंदर चांद प्रवेश। 




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